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B.Ed स्पेशल एजुकेशन कोर्स कैसे करें? बी.एड करने के लिए ये है टॉप कॉलेज

Jobs After B.Ed: कई छात्र है जो बी.एड स्पेशल एजुकेशन या तो कर रहे है या इसकी तैयारी कर रहे हैं, यह कोर्स उन छात्रों के लिए विशेष माना जाता है जो ट्यूटर, काउंसलर बनना चाहते हैं।

ऐसे में इस कोर्स के माध्यम से उन मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ने और उनको गाइड करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती हैं।

B.Ed स्पेशल एजुकेशन कोर्स कैसे करें?

इस B.ed Special Education Course को पुरा करने के बाद में छात्रों को प्राइमरी स्कूल टीचर, कंटेंट राइटर, करियर काउंसलर, काउंसलर या समान रूप से शैक्षणिक संस्थानों, समाचार और मीडिया, NGO आदि जैसे क्षेत्रों में नौकरी मिल जाती है। ऐसे कामो में औसत वेतन INR 2LPA से लेकर INR 5LPA तक हो सकता है। Read: कक्षा 12वी Arts के बाद क्या करे? ये है Top 10 Courses

B.ed Course के हाइलाइट्स

  • काेर्स लेवल – ग्रेजुएट।
  • फुल फॉर्म – बैचलर ऑफ एजुकेशन।
  • अवधि – 2 वर्ष।
  • एग्जामिनेशन टाइप – सेमेस्टर सिस्टम।
  • एलिजिबिलिटी – मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन।
  • एडमिशन प्रोसेस – एंट्रेंस / मेरिटी।
  • एवरेज कोर्स फीस – 5 हजार से 2 लाख रुपए।
  • इसके सब्जेक्ट्स – डेवलपमेंट एंड ह्यूमन ग्रोथ, असेसमेंट, लर्निंग, टीचिंग एंड साइको सोशल एंड फैमिली मुद्दे आदि।
  • इसमे मिलने वाली एवरेज सैलरी – 2 से 20 लाख तक।
  • जॉब प्रोफाइल – प्राइमरी स्कूल टीचर, कंटेंट राइटर, करियर काउंसलर, सोशल वर्कर, आदि।

बी.एड स्पेशल एजुकेशन के लिए पात्रता

  • B.ed के इस स्पेशल एजुकेशन पात्रता के लिए किसी भी स्ट्रीम (कला, विज्ञान और वाणिज्य) में स्नातक हो और इसमें कम से कम 50% या उससे अधिक मार्क्स होना आवश्यक है।
  • सामाजिक विज्ञान / विज्ञान / मानविकी में मास्टर डिग्री रखने वाले या विज्ञान और गणित के साथ इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी में स्नातक होने वाले या स्नातक डिग्री में ऑनर्स रखने वाले कैंडिडेट (छात्र) आवेदन कर सकते हैं।
  • इस कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है।

बी एड स्पेशल एजुकेशन – एंट्रेंस एग्जाम

Entrance Exam में B.ed एग्जाम में कई कॉलेज वाले हाई परफॉरमेंस के आधार पर छात्रों का चयन करते हैं। इनमे से कुछ प्रवेश परीक्षाएं तो विश्वविद्यालय के स्तर की गई है और कुछ राज्य स्तर पर।


यह एक स्पेशल एजुकेशन है जो शिक्षकों को शिक्षण कौशल पद्धति, शिक्षण अध्यापन और अन्य कौशल से परिचित कराने में सक्षम बनाता है।

इसके अलावा यह आपको विशेष रूप से विकलांग बच्चों जैसे कि: श्रवण बाधित / दृश्य हानि / हरकत विकलांगता / आत्मकेंद्रित /  मानसिक मंदता / स्पेक्ट्रम विकार वाले बच्चों को पढ़ाने में और व्यावहारिक एंड सैद्धांतिक दोनों ही तरह का प्रशिक्षण प्राप्त करने में उनको सक्षम बनाता है।


वही यह 2 साल की अवधि का होता है जो सेमेस्टर बेस्ड मोड में पेश किया जाता है, जिसमें छात्र मूल्यांकन के लिए प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में लिखित और व्यावहारिक परीक्षाओं के साथ यह छह महीने की अवधि में के कुल चार सेमेस्टर होते हैं जिसको वह पूरा करते हैं।


यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए है जो शिक्षण (Teaching) क्षेत्र में रुचि रखते हैं और शिक्षा, संस्कृति और मानव मूल्य, शैक्षिक मनोविज्ञान, मार्गदर्शन आदि जैसे विकलांग छात्रों को पढ़ाने के विभिन्न पहलुओं में ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।


कुछ सामान्य बी.एड विषयों में मानव विकास और विकास, लोकोमोटिव और इसके साथ ही बहु विकलांगता, शिक्षण रणनीतियां और तरीके, पारिवारिक मुद्दे और मनोसामाजिक आदि भी इसमें शामिल हैं। Read: पढ़ाई करने के साथ Part-Time जॉब क्यों है जरूरी? कैसे करें? जाने इसके फ़ायदे

B.Ed Special Education कोर्स करने के लिए – टॉप कॉलेज और उनके फीस

  • संस्कृति यूनिवर्सिटी (Sanskriti University) – 1,20,000 रुपए
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Varanasi Hindu University) – 5,670 रुपए
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (Kurukshetra University) – 10,860 रुपए
  • इंडियन इंस्टीच्युट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च (Indian Institute Of Health Education And Research) – 1,70,000 रुपए
  • नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी (Netaji Subhash Open University) – 30,000 रुपए
  • नेशनल इंस्टीच्युट ऑफ मेंटल हैंडीकैप्ड (National Institute Of Mental Handicapped) – 20,000 रुपए

B.Ed Special Education: कोर्स के लाभ

  • इसमे विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए कुशल शिक्षकों की अत्यधिक आवश्यकता है, जिनपर किसी का ध्यान नहीं जाता और ऐसे छात्र बाद में पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
  • इस कोर्स के बाद विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के मिलने का अवसर मिल पाता है।
  • चूंकि इसमे शिक्षण पेशा हमेशा से एक सम्मानजनक पेशा रहा है, ऐसे में उन छात्रों के लिए इस तरह के पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का क्रेज है और हमेशा से रहा हैं।
  • बीएड करने के बाद छात्रों पास M.ed करने का भी रास्ता खुल जाता है। जिस से उन छात्रों के कैरियर ग्रोथ बढ़ जाता है।
  • आपको बता दे कि बी.एड डिग्री वाले उम्मीदवार की भारी मांग है क्योंकि विशेष जरूरतों वाले छात्रों जैसे बधिरता / मानसिक मंदता / दृश्य हानि वालों को पढ़ाने के लिए अच्छे कुशल विशेषज्ञों और पेशेवरों की आवश्यकता है, जो इसमे ज्यादा बेहतर होते हैं।

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