कहानी लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें जीवन की गहरी सीख दे देती है। चाहे बच्चे हो या फिर कोई बुजुर्ग कहानियां सुनना सभी को अच्छा लगता है।
इसीलिए आज हम आपके लिए Top 10 moral stories in Hindi लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आपको अच्छा भी लगेगा और आपको जीवन में बेहद महत्त्वपूर्ण बातें सीखने को मिलेंगी।
Top 10 Moral Stories in Hindi
#1. बंदर और आम की कहानी
एक बार, एक बंदर पेड़ पर चढ़कर आम खा रहा होता है। आम खाते खाते उसे एक युक्ति सूझती हैं। वह सोचता है कि अगर आम खाने के बाद वो आम के बीज को जमीन में गाड़ दें तो उसे और आम खाने को मिलेगा।
बंदर वैसा ही करता है और आम खाने के बाद बीज को जमीन में गाड़ कर उसमें पानी डाल देता है। वो फिर अगले दिन आता है और जमीन खोदकर बीज निकलता है लेकिन उसे कोई आम नहीं मिलता है।
अगले दिन बंदर फिर से वही काम करता है। और जमीन खोदकर फिर से बीच को बाहर निकाल कर देखता है। वो लगातार एक ही काम करता रहता है जिसकी वजह से आम के बीज से पौधा कभी निकल ही नहीं पाता है।
क्योंकि बंदर ने कभी भी आम का पेड़ उगाने की कोशिश ही नहीं की, बल्कि वह सिर्फ आम खाना चाहता था
Moral – बंदर की तरह हम सभी प्रोसेस से ज्यादा उसके परिणाम पर ध्यान देते हैं और बिना धैर्य रखे सक्सेस पाने के लिए जल्दबाजी करते हैं। जिसकी वजह से हमें कभी भी सक्सेस नहीं मिल पाती है।
#2. किसान और गधे की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक किसान और उसका बूढ़ा गधा रहता था। किसान जहां भी जाता था अपने गधे को साथ में लेकर जाता था। एक दिन किसान अपने गधे को अपने साथ कुएं के पास लेकर आता है। लेकिन बेचारा गधा गलती से कुएं में गिर जाता है।
कुएं में गिरने के बाद गधा बहुत बुरी तरह से रोने लगता है और घंटों तक रोता ही रहता है। गधा इतना बूढ़ा हो चुका था कि किसान उसे कुएं में ही जिंदा गाड़ने के बारे में सोचता है।
इसीलिए वह अपने कुछ पड़ोसियों को बुलाता है और सभी के साथ मिलकर कुएं में मिट्टी भरना शुरू कर देता है। किसान और लोगों की ये हरकत गधा समझ जाता है और फिर वह ज्यादा जोर से रोने लगता है।
पड़ोसियों के मिट्टी फेंकने की वजह से सारी मिट्टी गधे के ऊपर जाकर गिरती हैं। जिसके बाद गधा सोचने लगता है कि अपनी जान बचाने के लिए वह क्या करें!!
तभी गधे को एक आइडिया आता है जिसके बाद जब भी उसके शरीर पर मिट्टी गिरती है वह उसे झाड़ कर उसे नीचे गिरा देता है। वह बार-बार ऐसे ही करता है जिसकी वजह से वह एक कदम ऊपर उठ जाता है और जो मिट्टी उस पर गिराई जा रही थी वह नीचे चली जाती हैं।
जिसके बाद धीरे-धीरे करके गधा ऊपर आने लगता है और जब कुआं मिट्टी के वजह से भर जाता है तो गधा ऊपर आ जाता है जिसे देखकर सभी हैरान रह जाते हैं।
Moral – अगर हम सभी भी इस गधे की तरह लगातार कोशिश करते रहे तो गहरी से गहरी मुश्किलों से या यूं कहें कि कुएं से बाहर निकल सकते हैं बस हमें हार कभी नहीं माननी चाहिए।
#3. लड़की और सेब की कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक लड़की अपने दोनों हाथों में दो सेब पकड़ कर खड़ी थी। तब उसकी मां ने उससे एक सेब मांगा, लड़की ने जल्दी से अपने हाथ में पकड़े हुए सेब को खाना शुरू किया। उसने एक हाथ के और फिर दूसरे हाथ के सेब खाएं।
अपनी बेटी को इस तरह बर्ताव करता देख उसकी मां को बहुत दुख हुआ लेकिन उनकी बेटी ने उनसे कहा मां, “आप ये सेब खा लीजिए क्योंकि यह ज्यादा मीठा है!”
Moral – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी के भी बर्ताव देखकर उसे जज नहीं करना चाहिए बल्कि हमें यह सोचना चाहिए कि वह इंसान ऐसा क्यों कर रहा है!
#4. पक्षी और मधुमक्खी की कहानी
एक बार एक पक्षी ने मधुमक्खी से पूछा कि ” तुम लोग इतनी ज्यादा मेहनत करके शहद बनाते हो और इंसान उस शहद को चुरा कर ले जाता है! क्या इस चीज से तुम्हें बुरा नहीं लगता है ? ”
तब मधुमक्खी बहुत ही प्यार से जवाब देती है – “कभी नहीं, क्योंकि इंसान हमारे शहद को चुरा सकता है लेकिन शहद बनाने के हमारी कला को कभी नहीं चुरा सकता है!“
मधुमक्खी की इस बात को सुनकर पक्षी काफी हैरान रह जाती हैं और मधुमक्खी से कहती है कि ” तुम जिस तरह की सोच रखती हो वो बहुत ही अच्छी है अगर तुम्हारी तरह दूसरे भी ऐसी सोच रखे तो वह अपनी जिंदगी में बहुत कुछ कर सकते हैं!”
Moral – हमारे साथ कई बार ऐसा होता है कि हमारे काम का क्रेडिट कोई दूसरा ले जाता है, जिसकी वजह से हमें बहुत दुख होता है। पर अगर कोई आपके मेहनत से बनाई हुई चीज की क्रेडिट खुद ले लेता है तब आप को दुखी नहीं होना चाहिए क्योंकि वो इंसान आपका क्रेडिट जरूर ले सकता है लेकिन आपका टैलेंट नहीं।
#5. भूखे चूहे की कहानी
हमारी Top 10 moral stories in hindi की यह कहानी एक भूखे चूहे की है। एक जंगल में एक छोटा सा चूहा रहता था जो बहुत दिनों से भूखा था क्योंकि उसे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिल रहा था। उसने काफी दूर तक जा जाकर जंगल में खाने की तलाश की लेकिन उसे कहीं भी कोई भी खाना नहीं मिला।
और खाना ना खाने की वजह से वह बहुत ही पतला हो गया। एक दिन चूहे को नदी के पास एक टोकरी दिखाई दी जिसमें बहुत सारे भुट्टे थे।
उस टोकरी में एक छेद था जिसमे चूहा घुस गया। और जल्दी-जल्दी भुट्टे खाने लगा। बहुत दिनों से भूखे रहने की वजह से वह लालचियों के तरह जल्दी-जल्दी भुट्टा खा रहा था
जिसकी वजह से वह काफी मोटा हो गया और एक हफ्ते बाद जब चूहा डोकरी के उस छेद से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था तब वो छेद में ही फंस गया।
क्योंकि वह छेद से ज्यादा मोटा हो चुका था। इसीलिए वह सोचने लगा कि “अब वो कैसे बाहर निकलेगा?”
चूहे की आवाज सुनकर एक खरगोश उसके पास आया और चूहे से कहने लगा कि –
इस टोकरी से बाहर निकलने के लिए तुम्हें इंतजार करना होगा तब तक जब तक तुम उतने पतले ना हो जाओ जितना तुम इस टोकरी में घुसते समय थे।
Moral – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए हमें जितना मिलता है हमें उसमें संतोष करना चाहिए ना कि एक बार में सब चीज हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए।
#6. एक बेवकूफ भालू की कहानी
एक बार एक भालू को बहुत तेज भूख लगी थी इसीलिए वो भालू अपने गुफा से खाने की तलाश में बाहर निकला। भूखे भालू ने सोचा कि क्यों न नदी से कुछ मछलियां पकड़ कर खा ली जाए।
इसीलिए मछली पकड़ने के लिए वो नदी के पास गया। वहां जाकर उसने देखा कि तालाब में बहुत सारी छोटी-छोटी मछलियां घूम रही है।
छोटी मछलियों को देखकर भालू सोचने लगा कि ये मछली मेरे पेट भरने के लिए बहुत छोटी है मुझे इससे बड़ी मछली पकड़नी चाहिए। इसीलिए वो इंतजार करने लगा।
वह एक मछली पकड़ता और फिर कहता कि इससे मेरा कुछ नहीं होने वाला, मुझे इससे बड़ी मछली पकड़ने होगी और यह कहते हुए वह मछली को छोड़ देता।
ऐसे करते-करते भालू ने कई सारी मछलियों को छोड़ दिया। जब सामने तो भालू थक गया पर तब तक उसने एक भी मछली नहीं पकड़ी थी।
जिसके बाद भालु को समझ आया कि बहुत सारी छोटी मछलियों से उसका पेट भर जाता पर अब उसके पास एक भी मछली नहीं है और अब मछली पकड़ने के लिए बहुत देर हो चुकी है।
Moral – इस भालू की तरह हम भी हमेशा अच्छी और बड़े मौके की तलाश में रहते हैं और जब भी हमें कोई मौका मिलता है तब उसे हम छोटा सोच कर नजरअंदाज कर देते हैं पर जब हमें एहसास होता है कि हमसे कितनी बड़ी गलती हुई है, तब तक काफी देर हो चुकी होती हैं।
#7. लालू और पीलू की कहानी
Top 10 moral stories in hindi में सातवीं कहानी मुर्गी के दो बच्चों की है जिसमें एक का नाम लालू था और दूसरे का नाम पीलू था।
लालू लाल रंग की थी और उसे लाल चीजें पसंद थी जबकि पीलू पीले रंग की थी और उसे पीले चीजें पसंद थी।
एक बार लालू ने पेड़ पर लाल रंग की एक चीज देखी उसने बिना सोचे समझे उसे खा लिया। उस चीज को खाने के बाद उसे एहसास हुआ कि जो चीज उसने खाया है वो लाल रंग की मिर्ची हैं।
मिर्ची खाने की वजह से लालू का मुंह जलने लगा था जिसके वजह से वो जोर जोर से रोने लगा। लालू के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां और पीलू दोनों उसके पास आए।
लालू की हालत देख कर पीलू ने लालू से कहा – मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं!
और यह बोलते हुए पीलू ने लालू को एक पीले रंग का लड्डू दिया जिसे खाते ही लालू का मुंह जलना बंद हो गया।
Moral – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जो भी चीज हम पसंद करते हैं जरूरी नहीं कि, वो हमारे लिए अच्छी हो इसीलिए हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए।
#8. बिल्ली और डमरू की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक बिल्ली जंगल में यहां-वहां घूम रही थी तब उसे एक पेड़ के नीचे एक बड़ा सा डमरू दिखाई देता है।
डमरू को देखकर बिल्ली सोचती है कि उसके अंदर जरूर कोई छोटे जानवर होंगे जिसे खाकर उसका पेट भर जाएगा और उसका रात का खाना हो जाएगा।
तो वो डमरू के पास जाती है और उसे खोलने की कोशिश करती है लेकिन डमरू को खोलना उसके लिए बहुत मुश्किल होता है और वो डमरु को खोल नहीं पाती हैं।
काफी कोशिश करने के बाद जब डमरु नहीं खुलता है तब बिल्ली को एक आईडीया आता है वह सोचती है कि वह डमरु पर चढ़कर अपने पंजे से उस पर कुदेगी ताकि डमरु खुल जाए।
जब बिल्ली डमरू पर कूद रही होती है तो उसकी आवाज को सुनकर एक कुत्ता उसके पास आ जाता है। कुत्ते को देखकर बिल्ली उससे कहती है
“मेरे मालिक इस डमरू के अंदर कोई जानवर छुपा हुआ है! मैं उसे ही बाहर निकालने की कोशिश कर रही हूं।
तो क्या आप उस जानवर को पकड़कर खाने में मेरी मदद करेंगे!”
वह कुत्ता खुद भी बहुत भूखा था इसलिए बिल्ली की कहानी पर वह उसकी बात मान जाता है।
और अपने मजबूत पंजो से डमरू में मारता है जिसके वजह से डमरु फट जाता है लेकिन उसमे से कोई भी जानवर बाहर नहीं आता है।
जिसकी वजह से कुत्ता काफी गुस्सा हो जाता है और बिल्ली से कहता है –
” तुमने मुझसे झूठ बोला और मेरा वक्त बर्बाद कि आप मैं तुम्हें मार कर खा जाऊंगा। “
कुत्ता बिल्ली के ऊपर कूद पड़ा और उसे मारकर खा गया।
Moral – लालच का फल हमेशा बुरा ही होता है इसीलिए लालच से हमेशा दूर रहे।
#9. समझदार उल्लू की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक ओक के पेड़ पर एक उल्लू रहा करता था। वह हमेशा अपने आसपास हो रही घटनाओं को देखता था।
एक दिन उसने देखा कि एक छोटा बच्चा एक बूढ़े आदमी की टोकरी को उठाने में उनकी मदद कर रहा है।
दूसरे दिन उसने देखा कि एक बच्ची अपनी मां पर चिल्ला रही है! उल्लू जितना इन घटनाओं को देखता है वो उतना ही चुप रहता था।
वो बहुत कम बोलता था इसीलिए वो लोगों की बातें ज्यादा सुनता था। वह लोगों को बातें करते हुए और कहानियां सुनाते हुए सुनता था।
उसने एक बार सुना कि एक आदमी किसी से कह रहा है कि उसने कभी गलती नहीं की! ।
उल्लू जितना लोगों की बातें सुनता वह सोचता कि कुछ लोग जहां बेहतर हो रहे , जहां अच्छे हो रहे हैं वहीं कुछ लोग बेकार और बुरे बनते जा रहे हैं।
लेकिन वह उल्लू दिन पे दिन अच्छा और अच्छा होते जा रहा था।
Moral – जहां दूसरी तरफ लोग अच्छे और बुरे बन रहे थे वहां उल्लू सिर्फ अच्छा इसीलिए बन पाया क्योंकि वह दूसरों को देख और सुन रहा था। इसीलिए हमेशा बोलते रहने की जगह कोशिश कीजिए कि आप दूसरों को सुने और समझे क्योंकि ऐसे ही आप समझदार और अच्छे बन पाएंगे।
#10. लालची कुत्ते की कहानी
एक बार की बात है एक कुत्ता बहुत ज्यादा भूखा था, वह खाने की तलाश में यहां-वहां भटक रहा था तभी उसे एक हड्डी दिखाई दी।
हड्डी को देखकर कुत्ता बहुत खुश हो गया और झट से हड्डी को अपने मुंह में लेकर नदी के पास भागने लगा। ताकि वहां जाकर वो आराम से हड्डी को खा सकें।
हड्डी लेकर कुत्ता जब नदी के पास पहुंचा तो उसने नदी में अपनी परछाई देखी लेकिन उसे लगा कि नदी में कोई और होता है जिसके पास हड्डी है तो कुत्ते ने सोचा कि क्यों ना उस कुत्ते की भी हड्डी ले ली जाए इससे उसके पास ज्यादा हड्डी हो जाएगी और उसका पेट अच्छे से भर जाएगा।
इसीलिए कुत्ते ने नदी में दिखाई दे रहे कुत्ते को डराने के लिए जोर से भौंका। पर कुत्ते ने जैसे ही मुंह खोला वो हड्डी उसके मुंह से निकलकर पानी में गिर गई और वो फिर से बुखा रह गया।
Moral – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें जो मिले उसी के साथ खुश रहना चाहिए।
निष्कर्ष
तो साथियों कैसी लगी आपको Top 10 moral stories in Hindi अगर पसंद आई है, तो कृपया इन्हें अधिक से अधिक लाइक शेयर करना बिलकुल न भूलें!