इंडिया गेट का इतिहास हिंदी में
India Gate History In Hindi, आज के इस आर्टिकल में भारत के एक और ऐतिहासिक और भारत की शान कहलाने वाले स्मारक India Gate के बारे में जानकारी जानेंगे। इंडिया गेट भारत में सबसे ज्यादा विजिट किया जानेवाला और ऐतिहासिक स्थल है।
यदि आप भी India Gate History In Hindi में जानना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए है।
आज की इस आर्टिकल में इंडिया गेट के बारे में, उसके इतिहास के बारे में, इंडिया की बनावट के बारे में और उससे जुड़ी रोचक जानकारी शेयर की है।
तो आइए जानते है…
India Gate History In Hindi
नाम : | इंडिया गेट |
इंडिया गेट का निर्माण कब हुआ : | 1931 में |
स्मारक का उद्घाटन कब हुआ (नींव रखी गई) : | 12 फरवरी 1921 |
किसके द्वारा बनवाया गया : | वायसराय लॉर्ड इरविन एंव ड्यूक ऑफ कनॉट (ब्रिटिश शासन में) |
निर्माण का कारण : | यह युद्ध स्मारक ब्रिटिश शासन में पहले विश्वयुद्ध और दुसरे एंग्लो अफगान युद्ध में 70 हजार से ज्यादा शहीद हुए भारतीय सैनिको के याद में बनावाया गया है। |
वास्तुकार : | सर एडविन लुटयेंस |
उंचाई : | 43 मीटर |
कहाँ स्तिथ है : | दिल्ली, भारत |
इंडिया गेट को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है, यह ब्रिटिश राज में बना स्मारक है। अंग्रेजो ने इसका निर्माण उन भारतीय सैनिकों की याद में बनाया जो पहले विश्वयुद्ध और दुसरे एंग्लो अफगान युद्ध में शहीद हुए थे।
इस स्मारक यानी इंडिया गेट पर भारतीय सैनिक और यूनाइटेड किंगडम (UK) के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं।
आज इंडिया गेट दिल्ली का सबसे ज्यादा दार्शनिक स्थल बना हुआ है। इंडिया गेट लाल किला से महज 6.8 किलोमीटर दूर स्थित है और इंडिया गेट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
इंडिया गेट का इतिहास
इंडिया गेट को पहले ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल नाम दिया गया था, लेकिन इसे प्रसिद्धि इंडिया गेट नाम से ही मिली। इंडिया गेट का निर्माण 1921 में शुरू हुआ इसकी नींव अंग्रेजी शासक वायसराय लॉर्ड इरविन एंव ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी।
वायसराय लॉर्ड इरविन ने 12 फरवरी 1921 को इसकी नींव रखी। इस स्मारक को पूरी तरह से बनने में करीब 10 साल लगे थे। यह पूरी तरह से तैयार 1931 में हुआ।
उस समय के वास्तुकार सर एडविन लुटयेंस ने पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित होकर यह डिजाइन बनाया। इंडिया गेट की हर एक दीवार पर शहीदों के नाम लिखे गये है।
इंडिया गेट की बनावट
इंडिया गेट एक षट्कोणीय जगह के बिच में बनाया गया है। इसकी ऊंचाई 43 मीटर और चौड़ाई 9.1 मीटर है। वही व्यास की अगर बात करें तो इसका व्यास 625 मीटर है। यह लगभग 360,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है।
इंडिया गेट के निर्माण में लाल और बलुआ पत्थरों का विशेषकर उपयोग किया गया है। इसके निर्माण में लगे लगभग सभी पत्थर भरतपुर से लेजाये गये थे।
इंडिया गेट के निर्माण के वक्त इसके उपर जोर्ज पंचम की मूर्ति लगाई गई थी। लेकिन आजादी के बाद उस मूर्ति को हटा दिया गया।
इंडिया गेट की दीवारों पर यह लिखा हुआ है, जो काफी ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है:
To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the Near and the Far-East and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the North-West Frontier and during the Third Afghan War.
आजादी के बाद इंडिया गेट
15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ, उसके बाद इंडिया गेट पर किंग जोर्ज की प्रतिमा स्थापित थी। जिसे भारतीयों ने मिलकर उखाड़ दिया था और यहाँ से हटा दिया था।
समय के साथ इस स्मारक में अनेक बदलाव किये गये। सैनिकों की याद में बना यह स्मारक सैनिको के लिए काफी ख़ास हो गया था।
1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध में जब अनेक भारतीय सैनिक शहीद हुए तो भारत सरकार ने उन्हें सम्मान देने के लिए इंडिया के ठीक पास में अमर जवान ज्योति स्मारक स्थापित किया।
यहाँ पर सैनिको के सम्मान में हमेशा ज्योति जलती रहती है। काले पत्थरों से बना यह स्मारक आज देश का महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा देखे जाने वाला स्मारक है। इस अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट के साथ ही रखा गया है।
आज भी शहीदों के नाम इंडिया गेट पर समय-समय पर लिखवाये जाते है, अंग्रेजो की एक मुहीम जो सैनिको को सम्मान देने की थी। वह आज भी जारी है और यह अमर जवान ज्योति आज भी 24 घंटे जलती रहती है।
अमर जवान ज्योति के बारे में
इंडिया गेट के साथ ही अमर जवान ज्योति शहीद स्मारक की बात होती है। 26 जनवरी 1972 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने इस स्मारक का शुभारंभ किया था।
उस समय से लेकर आज तक इस स्मारक पर एक लौ जो गेस की मदद से प्रज्वलित हो रही है। इसके अलावा तीन और लौ (ज्योति) यहाँ पर रखी गई है लेकिन उन्हें विशेष दिन ही जलाया जाता है।
उस समय से लेकर आज तक गणतंत्र दिवस एंव स्वतंत्रता दिवस पर अमर जवान ज्योति से ही पैरेड शुरू होती है और भारत के अनेक महानुभव यहाँ पर शहीदों की शाहदत को नमन करते है। यह संगेमरमर का बना हुआ है।
इसपर एक राइफल रखी गई है और उसपर एक सैनिक का हेलमेट रखा हुआ है। बड़े अक्षरों में अमर जवान ज्योति लिखा हुआ है।
अमर शहीद स्मारक की रक्षा के लिए यहाँ पर भारतीय नौसेना, वायु सेना एंव थल सेना हमेशा मौजूद रहती है।
इंडिया गेट पर होने वाली परेड
हर साल गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट की पैरेड पुरे भारत को अपनी और आकर्षित करती है। राष्ट्रपति भवन से शुरू हुई पैरेड इंडिया गेट के परिसर से होकर गुजरती है।
इस पैरेड में भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना अलग-अलग तरीके से पैरेड करते है। यहाँ सेना द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता है।
अनेक अलग-अलग तरह की पैरेड भारत के दुश्मनों को यह साबित करती है की भारतीय सेना किसी भी कीमत में पीछे हटने वालों में से नहीं है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के लोग यहाँ पर संस्कृति इत्यादि से जुड़ी झांकियां निकालते है।
कुल मिलाकर इंडिया गेट पर भारत के इतिहास लेकर भविष्य तक की सभी रचनाओ को गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित किया जाता है।
Final Conclusion –
So Guys आज के इस आर्टिकल में आपने जाना India Gate History In Hindi के बारे में, इसके अलावा इंडिया गेट से जुड़ी रोचक बातें भी जानी।
मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी हेल्पफुल लगी होगी और जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे। यदि आपको इस आर्टिकल को लेकर कोई सवाल है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Frequently Asked Questions (FAQ) –
Q. इंडिया गेट कब और किसने बनवाया था?
Ans: इंडिया गेट की डिजाइन एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स ने डिजाइन किया था और इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ था।
Q. इंडिया गेट पर जलती मशाल को क्या कहते हैं?
Ans: इंडिया गेट पर जो जलती मशाल है, उसे अमर जवान ज्योति कहते हैं।
Q. इंडिया गेट का निर्माण क्यों हुआ?
Ans: इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश शासन में पहले विश्वयुद्ध और दुसरे एंग्लो अफगान युद्ध में 70 हजार से ज्यादा शहीद हुए भारतीय सैनिको के याद में बनावाया गया है।
Q. इंडिया गेट पर कितने शहीदों के नाम है?
Ans: इंडिया गेट पर भारत और यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर अंकित किए हैं।
Q. इंडिया गेट का निर्माण कार्य कब शुरू हुआ था?
Ans: इंडिया गेट का निर्माण 12 फरवरी 1931 को शुरू हुआ था।