Hawa Mahal Information In Hindi
200 से अधिक वर्षों के इतिहास के साथ, हवा महल शायद जयपुर का सबसे प्रतिष्ठित स्मारक है। यात्रियों के लिए इस महल को जयपुर के टॉप आकर्षणों में से एक है।
इसके अलावा हवा महल अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए भी प्रचलित है और हवा महल की 953 खिड़कियां भी आकर्षण का केंद्र हैं।
हर साल कई सारे विजिटर हवा महल देखने के लिए जाते है, क्या आपने हवा महल देखा है? क्या आप हवा महल से जुड़े इतिहास के बारे में जानते है? Read: कुतुब मीनार कब बना था?
यदि नही जानते हैं तो आज आप सही जगह पर आए है। आज के इस आर्टिकल में हमने हवा महल से जुड़ी जानकारी दी है, जिसमे जानेंगे की हवा महल का इतिहास, हवा महल किसने बनवाया, हवा महल में कितनी खिड़किया है? और हवा महल से जुड़ी रोचक बाते शेयर की है।
तो आइए जानते हैं हवा महल से जुड़ी जानकारी हिंदी में…
हवा महल कब बना था? इसका इतिहास क्या है?
हवा महल किसने बनवाया था | महाराजा सवाई प्रताप सिंह (Maharaja Sawai Pratap Singh) |
आर्किटेक | लाल चंद उस्ताद |
आर्किटेक्चरल स्टाइल | इस्लामी, मुगल और राजपूत स्थापत्य शैली का मिश्रण |
कौन सा मटेरियल इस्तेमाल हुआ है | लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर |
किस नाम से जाना जाता है | हवा महल, पवन महल, हवा मंदिर, पैलेस ऑफ ब्रिज (Palace Of Breeze) |
हवा महल किस साल में बना | 1799 |
हवा महल कहा पर स्थित है | जयपुर, राजस्थान |
हवा महल की ऊंचाई | 50 मीटर |
हवा महल देखने के लिए समय | 9:00 am से 4:30 pm (सभी दिन खुला है) |
हवा महल देखने के लिए एंट्री फीस | 50₹ इंडियन के लिए, 200₹ विदेशी यात्री के लिए |
हवा महल का इतिहास (History Of Hawa Mahal Jaipur) –
हवा महल का निर्माण कछवाहा राजपूत शासक महाराजा सवाई जय सिंह के पोते सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में करवाया था। जब महाराजा ने राजस्थान के झुंझुनू में खेतड़ी महल का स्ट्रक्चर देखा, तो वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इस पर एक महल बनाने का फैसला किया। हवा महल, जिसे हवा का महल भी कहा जाता है, उसी प्रेरणा का परिणाम था।
यह पांच मंजिला स्ट्रक्चर लाल चंद उस्ताद द्वारा सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में डिजाइन की गई थी। सिटी पैलेस के किनारे से शुरू होकर, हवा महल महिलाओं के कक्षों उर्फ जनाना तक फैला हुआ है।
उन दिनों, पर्दा प्रथा का सख्ती से पालन किया जाता था और शाही राजपुर की महिलाओं को अजनबियों को अपना चेहरा दिखाने या सार्वजनिक रूप से प्रकट होने की अनुमति नहीं थी।
महल में 953 खिड़कियां हैं जो उन्हें सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए बिना नीचे की सड़क पर होने वाली दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और उत्सवों की एक झलक पाने में सक्षम बनाती हैं।
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इस आर्किटेक्चर में वेंचुरी इफेक्ट से ठंडी हवा पूरे महल में गुजरती है, इस प्रकार गर्मियों में उच्च तापमान के दौरान पूरे एरिया को और अधिक ठंडक और सुखद बना देती है। बहुत से लोग हवा महल को सड़क के किनारे से दृश्य देखते हैं और सोचते हैं कि यह महल के सामने है, लेकिन वास्तव में यह पीछे है।
हवा महल किसने बनवाया (Who Built Hawa Mahal) –
हवा महल को कछवाहा राजपूत शासक महाराजा सवाई जय सिंह के पोते सवाई प्रताप सिंह (Maharaja Sawai Pratap Singh) ने सन् 1799 में बनवाया था।
हवा महल में कितनी खिड़किया है (How Many Windows Are There In Hawa Mahal) –
जयपुर के इस हवा महल में कुल मिलाकर 953 खिड़कियां और छोटे-छोटे झरोखे हैं। जिसमे आप अंदर दिखाई दिए बगैर नीचे की सड़क पर होने वाली गतिविधियों को देख सकते हैं।
हवा महल की रोचक बाते (Interesting Facts About Hawa Mahal) –
दोस्तो यहां पर नीचे मैने हवा महल से जुड़े कुछ रोचक बातें शेयर की है, जिसमे कई सारे फैक्ट ऐसे है जिसके बारे में आप भी नही जानते होगे। तो आइए जानते हैं हवा महल से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स..
1. राजा जयसिंह का पसंदीदा महल था–
यह महाराजा जय सिंह का पसंदीदा रिसॉर्ट था, जो हवा महल को इसके शीतलन प्रभाव के साथ-साथ सजाए गए अंदरूनी हिस्सों के लिए पसंद करते थे।
2. हवा महल का आकार एक ताज के आकार का है–
हवा महल एक मुकुट के आकार में बना है, यह भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा दिखता है। सवाई प्रताप सिंह भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त माने जाते थे। उनका जुनून इस डिजाइन के पीछे का कारण बना था और इसी वजह से हवा महल के आकार को भगवान कृष्ण के मुकुट के जैसा बनाया।
3. पवन का महल–
हवा महल का अर्थ है ‘हवाओं का महल‘ या ‘पवन का महल‘। इसमें 953 छोटी खिड़कियाँ (झरोका) हैं, इनका निर्माण महल के अंदर हवा को बहने के लिए किया गया था। पुराने समय में कई राजपूत परिवारों के लिए यह गर्मियों का एकांतवास था। हवा महल जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
4. शाही महिलाओं के लिए बनाया गया था–
हवा महल का निर्माण शाही महिलाओं के लिए एक अलग परिसर के रूप में किया गया था। पहले के जमाने में शाही महिलाओं को अजनबियों को अपना चेहरा दिखाने या सार्वजनिक रूप से प्रकट होने की अनुमति नहीं थी और इसी वजह से महल को इस प्रकार से निर्माण किया गया ताकि, शाही महिलाएं शहर के दैनिक जीवन को खिड़कियों के माध्यम से देख सके।
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5. हवा महल मधुमक्खी के छत्ते की तरह लग रहा है–
हवा महल इमारत के अग्रभाग को मधुमक्खी के छत्ते की तरह बनाया गया है। जटिल रूप से डिज़ाइन की गई खिड़कियों ने शाही महिलाओं को बिना जनता को दिखाई दिए शहर की हलचल को देखने की अनुमति दी। इसी वजह से बाहर से देखने पर हवा महल मधुमक्खी के छत्ते की तरह लग रहा है।
6. हवा महल में प्रवेश के लिए कोई सीधा द्वार नही है–
अन्य महलों के विपरीत, हवा महल का सीधा प्रवेश द्वार नहीं है; सिटी पैलेस की तरफ से प्रवेश करना होगा। हवा महल को सिटी पैलेस के एक हिस्से के रूप में बनाया गया था, इसलिए बाहर से कोई सीधा प्रवेश द्वार नहीं है। आपको एक दरवाजे से प्रवेश करना होगा जो इमारत के किनारे मौजूद है।
7. ऊपरी मंजिलों तक पहुँचने के लिए कोई सीढ़ियाँ नहीं है–
हवाल महल में 5 मंजिल हैं और चढ़ने के लिए सीढ़ियां नहीं हैं, इसके बजाय शीर्ष मंजिलों तक पहुंचने के लिए केवल रैंप बनाई गई हैं क्योंकि राजपूत शाही महिलाओं की पालकियों को रैंप पर ले जाना आसान था। इसी से आप हवा महल की ऊपरी 5 मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
8. बाद में हवा महल का नाम हवा मंदिर किया गया–
हवा महल को हवामंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हवा महल को यह नाम इसकी 5वीं मंजिल से नाम मिला, जिसे हवा मंदिर कहा जाता था। महल अपनी सारी भव्यता के साथ शहर में स्थित है और जयपुर के दर्शनीय स्थलों में से एक है।
हवा महल की पांच मंजिलों में से प्रत्येक मंजिल में एक मंदिर है। पहली मंजिल पर शरद मंदिर मौजूद है जबकि दूसरी मंजिल पर रंगीन कांच के बने रतन मंदिर हैं। विचित्र मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर शीर्ष तीन मंजिलों को सुशोभित करते हैं।
Final Conclusion –
दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हमने हवा महल से जुड़ी जानकारी दी है, जिसमे जाना की हवा महल किसने बनाया था, हवा महल को क्यों बनाया था, हवा महल में कितने खिड़किया और झरोखे मौजूद है और हवा महल से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में जानकारी प्राप्त की है।
दोस्तो मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद अब आपको हवा महल से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल चुके होगे। फिर भी आपको हवा महल से जुड़े कोई सवाल है या कोई जानकारी शामिल करवाना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।