ताजमहल कब बना था? ताजमहल भारत का एक प्रसिद्ध राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा मे यमुना नदी के किनारे स्थित है। ताजमहल मुगलों के द्वारा बनवाया गया है। जो मुगलों के अनेकों वास्तुकलाओं में सर्वश्रेष्ठ है।
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ताजमहल कब बना था? Taj Mahal Kab Bana Tha?ताजमहल का निर्माण (Construction of TajMahal) –ताजमहल के निर्माण में खर्च (Expenses in construction of TajMahal) –ताजमहल की वास्तुकला (Architecture of TajMahal) –ताजमहल से संबंधित प्रचलित कथाएं (Popular stories related to TajMahal) –ताजमहल के जैसी ही अन्य प्रतिकृतियां (Reproductions similar to the TajMahal) –ताजमहल में पर्यटन का महत्व (Importance of Tourism in TajMahal) –Final Words-
ताजमहल तुर्की फारसी भारतीय और इस्लामी वास्तुकला की अनोखी शैली से निर्मित है। यह वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। 1963 में ताजमहल को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया। पढ़े: अटल पेंशन योजना क्या है? इसके लिए कैसे अप्लाई करें?
ताजमहल कब बना था? Taj Mahal Kab Bana Tha?
Taj Mahal Kab Bana Tha? आपको बता दें की ताजमहल को यूनेस्को के द्वारा अति उत्तम मानव कृतियों में एक बताया गया है। ताजमहल को भारतीय इस्लामिक कला का रत्न भी कहा जाता है ताजमहल का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है । ताजमहल के शीर्ष के ऊपर सफेद गुंबद बने हुए हैं।
जो इसके सौंदर्य को और अधिक बढ़ा देता है इस इमारत के केंद्र में मुमताज महल का मकबरा बना हुआ है। जो ताजमहल के सौंदर्य को संजोए हुए हैं। मुमताज महल शाहजहां की पत्नी थी। जिसके स्मरण में शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण करवाया था।
ताजमहल के निर्माण का श्रेय उस्ताद अहमद लाहौरी को दिया जाता है। क्योंकि इन्होंने ही अपने नेतृत्व में ताजमहल का निर्माण किया था। 1648 में ताजमहल का निर्माण लगभग पूर्ण रूप से हो चुका था। तो चलिए जानते है कि ताजमहल से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में और ताजमहल कब बना था? इसके बारे में।
ताजमहल का निर्माण (Construction of TajMahal) –
ताजमहल का निर्माण यमुना नदी के किनारे आगरा में दक्षिण छोर पर एक छोटे से पठारी भूमि पर करवाया गया था। ताजमहल कब बना था?की बात करें तो आपको जानकर हैरानी होगी कि ताजमहल के निर्माण से पहले इसी जमीन पर राजपूताना महल था जो जयपुर के महाराजा जय सिंह का आलीशान भव्य महल था।
इस स्थान को शाहजहां ने जैसिंग से लिया था। जिसके बदले में शाहजहां ने जयपुर के महाराज जयसिंह को आगरा शहर के मध्य में स्थित एक भव्य एवं बेहद सुंदर महल भेंट में दिया था। ताजमहल के निर्माण से पहले उस 3 एकड़ की भूमि को नदी सरकार से 50 मीटर ऊंचा किया गया स्थान को ऊंचाई प्रदान करने के लिए उसमें कूड़ा करकट भरा गया।
इसे ऊंचाई इसलिए प्रदान की गई ताकि इसे सीलन से बचाया जा सके। साथ ही साथ मजबूत नींव रखने के लिए 50 कुएं खोदे गए तथा उसमें कंकर पत्थर भरकर एक मजबूत नींव डाली गई ताकि इसे सुरक्षा मिल सके। फिर बांस के बजाय एक बहुत बड़ा ईंटों से निर्मित गुंबद आकार का मकबरा निर्मित किया गया यह गुंबद आकार में इतना बड़ा था, कि इसे हटाने में सालों लग जाते परंतु इस मुश्किल का भी हल ढूंढा गया।
इससे ताजमहल कब बना था? जानेंगे की शाहजहां के आदेशानुसार वहां के स्थानीय किसानों को यह छूट दी गई कि 1 दिन में कोई भी व्यक्ति जितनी मन चाहे उतनी ईटें उठाकर ले जा सकता है लोगों ने ठीक वैसा ही कियाऔर रातों-रात यह गुंबद वहां से साफ हो गया।
उसके पश्चात ताजमहल के निर्माण में उपयोगी सामग्री को नियत स्थान तक पहुंचाने के लिए एक 15 किलोमीटर लंबी मिट्टी का ढांचा तैयार किया गया। सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने एवं ले जाने के लिए 30 से 40 बैलों का एवं बैल गाड़ियों का सहारा लिया गया।
यमुना नदी से पानी लाने के लिए रहट प्रणाली का प्रयोग किया गया जिसके माध्यम से पानी ऊंचाई पर स्थित बैंकों में भी आसानी से भर जाता था। जहां से कई नालियां निर्मित थी उन नालियों के माध्यम से पानी अपने-अपने स्थानों पर पहुंच जाता था।
केवल आधारशिला एवं मकबरे के निर्माण में 12 साल लग गए,शेष इमारतों के अन्य भाग को अगले 10 वर्षों में तैयार किया गया। जिसमें सबसे पहले मीनारों को तैयार किया गया , फिर मस्जिद बनाया गया उसके पश्चात जवाब एवं अंत में मुख्य द्वार बनाए गए क्योंकि यह सारे समूह को कई अवस्था में तैयार किया गया।
इसलिए इनकी निर्माण समाप्ति की तिथि अलग-अलग है। क्योंकि ताजमहल के निर्माण में अलग-अलग व्यक्तियों के अलग-अलग मत हैं। जैसे कि मुख्य मकबरा 1643 ईस्वी में बनकर तैयार हुआ था, परंतु शेष इमारतों के समूह को बनने में अधिक समय लग गया था। इस प्रकार इनके निर्माण की तिथियां अलग-अलग है।
ताजमहल के निर्माण में खर्च (Expenses in construction of TajMahal) –
आपको बता दूं की ताजमहल के निर्माण में खर्च को लेकर यदि बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक देखा जाता है कि ताजमहल के निर्माण के कीमत को लेकर भी काफी विवाद है।
सभी लोगों ने अपना अपना अनुमान लगाकर इसका मूल्य निर्धारण किया है जो लगभग 3 अरब 20 करोड़ रुपए है जो उस समय के मुद्रा के अनुसार मूल्य अंकित किया गया है। यदि इसे वर्तमान समय के मुद्रा के अनुरूप बदला जाए तो इसकी कीमत खरबो डॉलर से भी अधिक हो सकती है।
ताजमहल का निर्माण संपूर्ण भारत एवं एशिया में मौजूद सामग्री से निर्मित किया गया है।ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के निर्माण में 1000 से भी अधिक हाथियों का प्रयोग यातायात हेतु किया जाता था। ताजमहल में प्रयुक्त संगमरमर के पत्थर को राजस्थान के मकराना से लाया गया था। तथा जैस्पर को पंजाब से, जेड एवं क्रिस्टल जे को चीन से मंगवाया गया था।
फिरोजा को तिब्बत से लेपिस लजूली को अफगानिस्तान से नीलम को श्रीलंका से एवं इंद्र ग्रुप को अरबिया से लाया गया था। कुल मिलाकर 28 प्रकार के बहुमूल्य पत्थर एवं श्वेत संगमरमर का प्रयोग ताजमहल के निर्माण में किया गया है। संपूर्ण भारत से लगभग 20,000 से भी अधिक मजदूरों की सेना ताजमहल के निर्माण में कार्यरत थी।
भिन्न-भिन्न देशों से अलग-अलग प्रकार के शिल्पकारों को बुलवाया गया। जिनका काम उनकी योग्यता के अनुसार दिया गया था पत्थर तराशने एवं उसे काटने वाले कारीगर को बलूचिस्तान से मंगाया गया था। शिल्पकार को बुखार आ से एवं सुलेखन करता को सीरिया और ईरान से मंगवाया गया था। उत्तर भारत से कुल 20,000 मजदूर कार्यरत थे एवं दक्षिण भारत से 25,000 मजदूर कार्यरत थे।
जितने भी मुख्य गुंबद का निर्माण किया गया वह इस्माइल खान के द्वारा बनाया गया जोकि ऑटोमन साम्राज्य का प्रमुख गुंबर अभीकलपक थे। उस्ताद ईशा को भारत से बुलवाया गया था जो कि को चाहने मार सीना नागा द्वारा प्रशिक्षित किए गए थे परंतु इस तथ्य पर अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
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यह तथ्य अभी भी विवादास्पद है। पेरू नामक पर्यवेक्षक को बेलारूस फारस से नियुक्त किया गया था। ठोस स्वर्ण कलश निर्मित करता काजल खान जोकि लाहौर का निवासी था इस कार्य के लिए उसे नियुक्त किया गया था।
ताजमहल की वास्तुकला (Architecture of TajMahal) –
ताजमहल की नींव वर्गाकार आधार पर श्वेत संगमरमर से निर्मित है। ताजमहल के केंद्र बिंदु में संगमरमर का मकबरा स्थित है। ताजमहल एक प्रकार से समिति ए इमारत है। इस इमारत के शीर्ष पर एक विशाल गुंबद स्थित है। अधिकतर मुगलों के मकबरे में इस प्रकार के गुण मत देखे गए हैं जो फारसी कला से निर्मित है।
तब यह इमारत एक विशाल बहुपक्षीय संरचना के मूलाधार से निर्मित है। इसमें मौजूदा कक्ष घनाकार हैं। ताजमहल के भीतर शाहजहां एवं मुमताज महल का पार्थिव शरीर तुलनात्मक रूप से रखे गए हैं जिनका मुख दाएं यानी मक्का की ओर है मुमताज महल का कब्र कक्ष के मध्य में स्थित है जिसका आकार आयताकार है।
मकबरा बहुमूल्य पत्थरों एवं रत्नों से जरा है जोकि मुमताज महल की खूबसूरती का पहचान है। शाहजहां का कब्र मुमताज की कब्र के दक्षिण और है यह दृश्य पूरे ताजमहल के दृश्यों में से सबसे अनोखा एवं अद्भुत दृश्य है। पहले यह निर्धारित नहीं था, कि शाहजहां का कब्र मुमताज की कब्र के दाहिनी ओर ही बनेगा यह कब्र बाद में बनाया गया।
यह मकबड़ा केवल मुमताज महल के लिए ही बनवाया गया था। शाहजहां की कब्र मुमताज महल के कब्र से बड़ी है। ताजमहल का निर्माण सन लेखन एवं संथरा विधि से किया गया है।
ताजमहल से संबंधित प्रचलित कथाएं (Popular stories related to TajMahal) –
बता दें की इस इमारत का निर्माण सदा से प्रशंसनीय एवं विश्व में का विषय रहा है। यह इमारत धर्म संस्कृति एवं भूगोल की सीमाओं से परे लोगों के दिलों को जीत रहा है एवं कई लोगों ने इस इमारत को लेकर भावनात्मक प्रतिक्रिया दी है, जो कि अनेक विद्वानों द्वारा किए गए मूल्यांकन से ज्ञात होता है। आइए हम जानते हैं ताजमहल से जुड़ी कुछ प्रचलित कथाएं।
यह कथा काफी पुरानी है जिसमें यह बताया गया है कि शाहजहां की इच्छा थी कि ताजमहल के जैसा ही एक काला ताजमहल का निर्माण यमुना के उस पार ताजमहल के सम्मुख किया जाए जिसमें खुद शाहजहां का कब बने यह अनुमान जीन बैप्टिस्ट के द्वारा लगाया गया है, जो एक प्रथम यूरोपीय ताजमहल पर्यटक थे।
जो आगरा 1665 में घूमने आए थे। अपने कथन अनुसार उन्होंने बताया कि शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब के द्वारा एक तयखाने में कैद कर दिया गया था। इससे पहले कि वह काला ताजमहल बना पाए।
इस तथ्य को बल तब मिला जब यमुना के उस पार मेहताब बाग में काले रंग के संगमरमर का टुकड़ा प्राप्त हुआ। परंतु 1990 के दशक में एक खुदाई से पता चला कि यह कोई काला संगमरमर नहीं बल्कि सफेद संगमरमर है जोकि काला पड़ गया है।
काले मकबरे के बारे में वर्ष 2006 में एक अधिक विश्वसनीय कथा पुरातात्विक द्वारा बताई गई जिसमें उन्होंने कहा कि मेहताब बाग में एक केंद्रीय सरोवर कि पुनर्स्थापना की गई थी। जिसमें श्वेत मकबरे की परछाई सरोवर के गहराई में देखी जा सकती थी।
इस पर छाई में संतुलन बनाए रखने के लिए एवं सरोवर की स्थिति का निर्धारण करने के लिए एक काले मकबरे का विचार शाहजहां के मन में आया जिससे प्रतिबिंब ठीक उस सरोवर में प्रतीत हो इस कथा से शाहजहां द्वारा साले मकबरे बनाए जाने का विचार स्पष्ट होता है।
आपने भी कई कथाएं ताजमहल से जुड़ी सुनी होंगी जिसमें यहां तक कहा गया है कि जिन व्यक्तियों ने ताजमहल के निर्माण में अपना योगदान दिया शाहजहां के द्वारा उनका हाथ कटवा दिया गया ताकि पुनः वैसा ही ताजमहल निर्मित ना हो सके।
परंतु इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैकुछ लोगों का कहना यह भी है कि ताजमहल के निर्माण में जितने भी कार्य कर सम्मिलित हुए थे उनसे शाहजहां द्वारा पहले ही करारनामा करवा लिया गया था कि वह ऐसा पुनः दूसरा ताजमहल का निर्माण नहीं करेंगे।
ऐसे ही दावे कई इमारतों के बारे में किए जाते रहे हैं। परंतु इसका कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है यह केवल एक अफवाह है क्योंकि उस समय के किसी भी काव्य रचना में इसका उल्लेख नहीं मिलता है।
एक कथा और प्रचलित है कि लॉर्ड विलियम बेंटिक जो कि भारत के गवर्नर जनरल थे 1830 के दशक में ताजमहल को विध्वंसक करके उसका संगमरमर एवं उसमें लगे अन्य बहुमूल्य पत्थर को नीलाम करने की योजना बनाई थी। यह बात तब सामने आई जब आगरा के किले में पड़ा कुछ बेकार सा संगमरमर को लॉर्ड विलियम बेंटिक ने नीलाम किया था।
ताजमहल के जैसी ही अन्य प्रतिकृतियां (Reproductions similar to the TajMahal) –
विंडो ऑफ दी वर्ल्ड थीम पार्क चीन के शेनजे़न शहर में स्थित है। जो ताजमहल की प्रतिकृति है। इसके अलावा अन्य कई इमारतें ऐसी है, जो ताजमहल के समरूप ही दिखाई देती है, अर्थात ताजमहल के ही समरूप है।
जैसे ताजमहल से प्रेरित होकर बनी बांग्लादेश का ताजमहल, औरंगाबाद एवं महाराज में बना बीवी का मकबरा, अटलांटिक सिटी के न्यूजर्सी में स्थित ट्रंप ताज महल,त्रिपोली श्राइन टेंपल, इत्यादि। साथ ही साथ महारानी विक्टोरिया के सम्मान में जोकि इंग्लैंड की महारानी थी कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल नामा स्मारक बनाया गया, जो कि ताजमहल से काफी हद तक प्रेरित है।
भले ही यह सारे स्मारक ताजमहल की प्रतिकृतियां हैं। परंतु ताजमहल तो ताजमहल ही है उसकी तुलना किसी अन्य स्मारक से नहीं की जा सकती।
ताजमहल में पर्यटन का महत्व (Importance of Tourism in TajMahal) –
उसके बाद ताजमहल में प्रत्येक वर्ष लाखों लाख दर्शक आते हैं जिसमें लगभग दो से 300000 लोग विदेशी होते हैं। पर्यटकों की संख्या अधिकतम जाड़े के मौसम में होती हैं। ताजमहल के आसपास कई ऐसी चीजें हैं, जिसे प्रतिबंधित किया गया है।
जैसे प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पार्किंग इत्यादि।यहां आप केवल विद्युत चलित वाहन का या विद्युत चलित बस सेवा का प्रयोग कर सकते हैं। ताजमहल के आसपास एक छोटी सी बस्ती स्थित है। जिसे वर्तमान में ताजगंज कहते हैं। परंतु पहले इसे मुमताज गंज कहा जाता था।
ताजमहल अब आधुनिक विश्व के आठ अजूबों में प्रथम स्थान रखता है। यह स्थान विश्वव्यापी मतदान से सुनिश्चित हुआ है जहां इसे 10 करोड़ से भी अधिक मत मिले।
Final Words-
उम्मीद करते है कि आपको यह जानकारी बेहद रोचक और काम की लगी होगी, और आप समझ गए होंगे कि ताजमहल कब बना था? ऐसी ही जानकारियों के लिए यहां आते रहे। अपना और सबका ध्यान रखें। धन्यवाद।
You have given a lot of information to us, thank you